लखनऊ, जेएनएन। बसपा प्रदेश कमेटी व जिलाध्यक्षों की समीक्षा बैठक में संगठन की प्रगति से असंतुष्ट मायावती ने एक माह के भीतर संगठनात्मक ढांचे में बदलाव कर दिया। जोनल व्यवस्था के स्थान पर फिर से सेक्टर गठित करके पदाधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए। दो मंडलों पर एक सेक्टर के हिसाब से प्रदेश को नौ सेक्टर मेंं विभाजित किया गया है।
रविवार को मॉल एवेन्यू स्थित बसपा मुख्यालय में संपन्न पार्टी की बैठक में संगठन का विस्तार करने की चिंता हावी रही। बसपा प्रमुख मायावती ने दलित और कमजोर वर्ग के लोगों की लड़ाई में सबके सहयोग की अपील भी की। सत्ता की चाबी अपने पास रखने के लिए दलित, आदिवासी, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की एकजुटता पर बल दिया।
भाजपा पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारों के कोरे दावे बहुत हो चुके हैं। अब जनहित और देशहित के मुद्दों पर मिलकर पूरी गंभीरता से काम करने की जरूरत है। जनता केवल ठोस कार्रवाई व बेहतर परिणाम ही देखना चाहती है। उन्होंने महिलाओं पर अत्याचार बढऩे पर चिंता जताई।
संगठन की कमियां दूर करके मजबूती दें
मायावती की चिंता पार्टी कार्यक्रमों में घट रही कार्यकर्ताओं की दिलचस्पी को लेकर थी। खासकर दलित वोट बैंक पर भाजपा के अलावा कांगे्रस, सपा और रालोद जैसे दलों की निगाहें होने से बसपा में बेचैनी बढ़ी है। गत दिनों आंबेडकर पुण्यतिथि अन्य दलों ने जोरों से मनाई लेकिन, बसपा के कार्यक्रम अपेक्षाकृत फीके रहे थे। बसपा प्रमुख ने जिलावार संगठन की गहन समीक्षा की और एक बार फिर से सेक्टर व्यवस्था लागू की। हर मंडल का प्रभारी सेक्टर प्रभारी को रिपोर्ट को करेगा और सेक्टर प्रभारी नेतृत्व तक जानकारियां उपलब्ध कराएगा।
जन्मदिन के लिए विधानसभा क्षेत्रवार पांच लाख रुपये जुटेंगे
बैठक में इस वर्ष भी मायावती का जन्मदिन 15 जनवरी को जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाने और लोगों को एकजुट करने का प्रयास करने के निर्देश दिए गए। विधानसभा क्षेत्रवार जन्मदिन फंड एकत्र होगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से पांच लाख रुपये जुटाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अलावा हर जिले से कार्यालय खर्च के नाम पर दी जाने रकम 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी गई है।